कल एक फ़ोन किया
वहाँ
जहाँ जाना चाहते हैं सभी
वहीं रहता है मेरा बेटा,
"हलो पापा"
सुनते ही कहा
आज बनाया था
तुम्हारी पसंद का खाना,
अच्छा बना था
इसलिए याद आई बहुत ,
" अपनी -अपनी किस्मत है पापा "
उसने कहा
"मेरी किस्मत में नहीं था
घर का खाना "
मैं चुप रहा
कैसे कहता उससे
कि क्या कुछ नहीं है
मेरी किस्मत में .
Friday, September 24, 2010
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